सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शोध का अर्थ एवं परिभाषा अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा PDF शोध का महत्व शोध के प्रकार PDF शोध का अर्थ in English शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य शोध विधि क्या है शोध की आवश्यकता एवं महत्व

    शोध का अर्थ एवं परिभाषा अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा PDF शोध का महत्व शोध के प्रकार PDF शोध का अर्थ in English शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य शोध विधि क्या है शोध की आवश्यकता एवं महत्व शोध  या अनुसंधान अवधारणा का अर्थ एवं परिभाषा -  व्‍यक्ति अपने चारों तरफ में उपस्थित वातावरण में कुछ न कुछ समझने के प्रयास में लगा रहता है । इसी तरह के समझने या खोज को शोध या अनुसंधान  कहते है । व्‍यक्ति अपने आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए कुछ न कुछ खोज करता रहता है। शोध या अनुसंधान से उपस्थित समंकों के आधार पर हि व्‍यक्ति सामाजिक,  या आर्थिक और व्‍यावसाय के  व‍िषयों के आधार पर व‍िवेक के रूप में निर्णय लिया जाता है।    शोध या अनुसंधान की परिभाषा डा. सुरेन्‍द्रसिन्‍ह के शब्‍दों के अनुसार  - शोध शब्‍द का उत्‍पत्‍तीय या उत्‍पत्ति का अर्थ है  कि बार - बार  खोजने से सम्‍बंधित  है । आंग्‍ल भाषा का शब्‍द Research (रिसर्च) यह शब्‍द भी  दो शब्‍दों  से बना हुआ है । प्रथम शब्‍द (Re) रि जिसका  अर्थ  होता है बार - बार या पुन...

शोध की व‍िधियॉं

 अनुसंधान  की व‍िधियॉ shodh-ki-vidhiyan अनुसंधान या  शोध की व‍िधियॉं निम्‍नलिखित है -      1) गुणात्‍मक व‍िधि - सामाजिक क्षेेत्र में हो रहे घटनाओं के गुणों का अध्‍ययन करने केे लिए इसी प्रणाली का प्रयोग करतेे है । यह लोगों  की भावनाओं, मत,  व‍िचारों , प्र‍वृतियों , आदर्शों की खोज इसी प्रणाली  द्वारा की जाती है।      2) गणनात्‍मक पद्धति - इस पद्धति में किसी  भी घटनाओं केे तथ्‍यों को मात्रात्‍मक अथवा संख्‍यात्‍मक द्वारा माप किया जाता है। यदि ऐसा करना कठिन होता है तो सांख्यिकीय प्रणाली का प्रयोग करते है।       3) क्षेत्रीय अध्‍ययन पद्धति - इस पद्धति में शोधकर्ता  को स्‍वयं उपस्थित होकर अवलोकन करता है कि उस क्षेत्र में हो रहे सामाजिक घटनाओं के तथ्‍यों को जानना एवं एकत्रित करता है।        4) सर्वेक्षण‍ व‍िधि - इस प्रणाली मेंं शोधकर्ता स्‍वतंत्र होता है और अभियंत्रित दशाओं में तथ्‍यों का संकलन करता है।      5) तुलनात्‍मक व‍िधि -   समाज  के व‍िभिन्‍न...

शोध के क्षेेत्र

 शोध के क्षेेत्र Shodh-ke-kshetra सामाजिक शोध  कि प्रकृति या क्षेत्र निम्‍नलिखित द्वारा  स्‍पष्‍ट किया जाता है -      1)  सामाजिक तथ्‍यों व प्रक्रियाओं का व्‍याख्‍या करना -  सामाजिक अनुसंधान  में  मनुष्‍य के व्‍यवहार केे बारे अध्‍ययन किया जाता है। समाज में रह रहे सदस्‍यों, समूहों,  घटनओ, क्रियाओं  एवं अंंत: क्रियाओं को विश्‍लेषण किया जाता हे।       2)  नवीन तथ्‍यों की खोज करना  - सामाजिक सम्‍बंधाेे में नवीन तथ्‍यों की खोज करना जिससे सामाजिक संरचना एवं सामाजिक संगठन  को  ठीक प्रकार  से  समझा जा सके और इसका स्‍पष्‍टीकरण में  सहायता प्रदान  कर सके ।        3)प्रकृति एवं कारणों का अध्‍ययन करना - सामाजिक अनुसंधान में समाज में हो रहे घटनाओं एवं समस्‍याओं की प्रकृति एवं कारणों का पता लगाना ।       4) प्राचीन तथ्‍यों में सुधार करना -  नवीन तथ्‍यों तथा सिद्धांत के साथ निर्माण के साथ- साथ का उद्देश्‍य प्राचीन उपलब्‍ध तथ्‍यों में प...

शोध या अनुसंधान अवधारणा का अर्थ एवं परिभाषा - उद्देश्‍य

  शोध का अर्थ एवं परिभाषा अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा PDF शोध का महत्व शोध के प्रकार PDF शोध का अर्थ in English शोध के प्रकार महत्व एवं उद्देश्य शोध विधि क्या है शोध की आवश्यकता एवं महत्व शोध  या अनुसंधान अवधारणा का अर्थ एवं परिभाषा -  व्‍यक्ति अपने चारों तरफ में उपस्थित वातावरण में कुछ न कुछ समझने के प्रयास में लगा रहता है । इसी तरह के समझने या खोज को शोध या अनुसंधान  कहते है । व्‍यक्ति अपने आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए कुछ न कुछ खोज करता रहता है। शोध या अनुसंधान से उपस्थित समंकों के आधार पर हि व्‍यक्ति सामाजिक,  या आर्थिक और व्‍यावसाय के  व‍िषयों के आधार पर व‍िवेक के रूप में निर्णय लिया जाता है।    शोध या अनुसंधान की परिभाषा डा. सुरेन्‍द्रसिन्‍ह के शब्‍दों के अनुसार  - शोध शब्‍द का उत्‍पत्‍तीय या उत्‍पत्ति का अर्थ है  कि बार - बार  खोजने से सम्‍बंधित  है । आंग्‍ल भाषा का शब्‍द Research (रिसर्च) यह शब्‍द भी  दो शब्‍दों  से बना हुआ है । प्रथम शब्‍द (Re) रि जिसका  अर्थ  होता है बार - बार या पुन : ...

ugc-net-economics-question-paper ugc net economics practice set ugc net economics past year papers

 ugc net economics question paper ugc net economics practice set ugc net economics past year papers 1. पीकॉक-वाईसमैन परिकल्पना में 'विस्थापन प्रभाव' में। यह समाविष्ट है: (a) उच्चतर आर्थिक वृद्धि के अनुसार सार्वजनिक व्यय का उर्ध्वगामी विस्थापन (b) सार्वजनिक व्यय एवं कराधान के पुराने स्तर से अधिक नए एवं उच्चतर स्तर की ओर झुकाव (c) सार्वजनिक व्यय स्थिर दर पर बढ़ता है तथा उच्चतर स्तर पर पहुँचता है (d) सरकार द्वारा अधिक एवं नए कार्यकलाप किए जाते हैं। अतः इसलिए सार्वजनिक व्यय तीव्रता से उर्ध्वगामी रूप से बढ़ते हैं Ans. (b) : पीकॉक-वाइजमैन परिकल्पना के अनुसार करारोपण के सन्दर्भ में लोगों की सामान्य प्रवृत्ति होती है जो युद्ध के समय थोड़ा बढ़ी हुई प्रतीत होती है। किन्तु युद्ध के उपरान्त सार्वजनिक व्यय तथा करारोपण अपने पूर्व स्तर पर नहीं आते बल्कि कुछ कर बने रह जाते हैं जिससे करारोपण की प्रवृत्ति को यदि रेखाचित्र में प्रदर्शित किया जाए तो सीढ़ीनुमा आकृति प्राप्त होता है जिसे विस्थापन प्रभाव कहा जाता है। 2. किस तिथि तथा वर्ष में भारत में जी एस टी प्रभावी हुआ? (a) एक अप्रैल, 2017 (c) एक ज...