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Thursday, December 12, 2024

 संगणना विधि का क्या अर्थ है?

संगणना विधि का क्या अर्थ है इसके गुण दोष?

संगणना विधियाँ क्या हैं?

संगणना का मतलब क्या होता है?

संगणना क्या है

संगणना रीति

संगणना विधि के गुण लिखो

संगणना विधि का क्या अर्थ है इसके गुण दोष बताइए

संगणना अनुसंधान किसे कहते हैं



संगणना रीति

अनुसंधान का जो क्षेत्र होता है उपयोग होने वाली सम्‍पूर्ण इकाईया सामूह के रूप में समग्र कहलाती है। संगणना रीति के में समग्र की सभी इकाइयों का अध्‍ययन किया जाता है तथा उस इकाई से निकर्ष निकाला जाता है। 

जैसे - जनगणना , उत्‍पादन इसी रीति के अन्‍तर्गत की जाती है।  



संगणना विधि का क्या अर्थ है इसके गुण दोष बताइए

संगणना रीति के गुण - 


1. वैज्ञानिक - यह पद्धति ज्‍यादा वैज्ञानिक ढंग की होती है क्‍योंकि इसमें समग्र की सभी इकाइयों का 

                              अध्‍ययन किया जाता है। 


2. शुद्धता के साथ विश्‍वासनीय होना -  सभी इकाईयों की सूचनाओं को प्राप्‍त कर लिया जाता है जिससे 

                      कारण से प्राप्‍त आकडों में अधिक शुद्धता के साथ विश्‍वासनीय भी हो जाता है। 


3. पक्षपातरहित - इस प्रणाली में पक्षपात की सम्‍भावना नहीं होती है या कम हो पाती है। 


4. कुछ परिस्थितियों में आवश्‍यक होना - इस रीति का प्रयोग जब की जाती है समग्र की इकाइयों में 

                ऐसी  जानकारी प्राप्‍त करनी हो जो कि व्‍यक्तिगत हो । 

                  जैसे - किसी व्‍यक्ति या छोटे बच्‍चे से जानकारी लेनी हो  कि उनके पिता का क्‍या नाम है

  उनकी आय कितनी है

  उनका व्‍यवसाय क्‍या है

5; विविधता - जब समग्र की इकाइयों में विविधता हो तब यह रीति ही लाभ दायक रहती है। 


6. अप्रत्‍यक्ष अध्‍ययन - इस रीति से कुछ ऐसी जानकारी प्राप्‍त हो जाती है जो अनुसंधान में उपयोगी है। 

जैसे - जब जनगणना किया जाता है तो वहा पर साक्षरता, बेरोजगारी, आय आदि के बारे 

                                       में जानकारी प्राप्‍त हो जाती है। 


संगणना रीति के दोष या सीमाऍं  - 

1. ज्‍यादा खर्चीला - इस पद्धति में समग्र की प्रत्‍येक इकाई से जुडने के लिए ज्‍यादा खर्च होता है

2. परिस्थितियों के अनुसार अनुपयुक्‍त - विशेष प्रकार की स्थितियों में इस प्रकार की पद्धति अनुपयुक्‍त 

                 होती है जैसे - समग्र का अनन्‍त होने पर तथा समग्र नाशवान होने पर 


3. ज्‍यादा समय तथा कठिन परिश्रम - इस विधि के द्वारा अनुसंधान करने में अधिक समय लगता है। तथा 

               इसके साथ हि कठिन परिश्रम भी करना पडता है। 





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